शिमला में स्तिथ है देवी काली बाड़ी का एक भव्य धार्मिक मंदिर, Kali Bari Temple, Shimla in Hindi

हिमाचल प्रदेश बहुत से लोकप्रिय और प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है। हिमाचल प्रदेश को देव भूमि के नाम से जाना जाता है। यहां बहुत से पूजनीय स्थल है। जिनमे से राजधानी शिमला में स्तिथ काली बाड़ी मंदिर शिमला में घूमने के लिए लोकप्रिय तीर्थस्थलों और प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। इस मंदिर का निरमा कार्य 1845 में जाखू पहाड़ी पर एक बंगाली ब्राह्मण राम चरण भ्रामचारी रहते थे उन के द्वारा किया गया था। काली बाड़ी मंदिर शिमला में स्तिथ सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। हर साल बहुत से श्रदालु यहां दर्शन के लिए आते है।
कैसे पड़ा शिमला का नाम, How was the name of Shimla
यह प्रसिद्ध काली बाड़ी मंदिर देवी काली को समर्पित है। जिन्हें स्थानीय रूप से श्यामला के रूप में जाना जाता है। शिमला नाम की उत्पत्ति ‘श्यामला’ नाम से ही हुई है। यहां का मूल मंदिर देवी श्यामला का था, जिसे यहां स्तिथ कुछ बंगाली भक्तों ने काली बाड़ी में बदल दिया था। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार देवी श्यामला की एक नीली लकड़ी की मूर्ति कुछ बंगाली भक्तों द्वारा स्थापित की गई थी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह माना जाता है की देवी काली बाड़ी अपने उन पर्यटकों को आवास प्रदान करती है। जो कालका में मंदिर के साथ ही दर्शन के लिए जाते हैं।
देवी काली बाड़ी की विभिन्न रूपों में पूजा अर्चना, Worshiping Goddess Kali Bari in various forms
इस मंदिर में देवी काली बाड़ी की पूजा अर्चना विभिन्न रूपों में की जाती है। यहाँ के प्रमुख अवतार हिमावती, कुमारी सती, कामाख्या, मीनाक्षी भद्रकाली, छिन्नमस्ता, रुद्ररानी, तारा, चामुंडा, दुर्गा, और उमा के हैं। इस धार्मिक मंदिर में नवरात्रों के दौरान हजारों भक्तों द्वारा इस पूजनीय मंदिर के दर्शन किए जाते है। देवी काली बाड़ी मंदिर द मॉल के समीप ही स्थित है। यह मंदिर स्कैंडल पॉइंट से 5 मिनट की पैदल दूरी पर है। शिमला गुमने आये पर्टयक इस स्थान में जाना नहीं भूलते उनका मानना है, यदि कोई भी भगत सच्चे मन से यहां दर्शन के लिए आता है तो माँ उस की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगी।
दर्शन करने का समय और आस पास का नजारा, Time to visit and view nearby,
यदि आप को इस मंदिर में देवी के दर्शन करने है तो आप को सुबह 6AM से 8Pm के बिच आना होगा। इस दौरान ही मंदिर भगतो के लिए खुला रहता है। मंदिर परिसर के खुद के बहुत से होटल रेस्टोरेंट और कैफ़े है। यहां श्रदालु रात्रि के लिए रुक सकते है और विभिन प्रकार के भोजन का आंनदले सकते है। यह स्थान बहुत ही खूबसूरत और प्रकृति के सौंदर्य से भरपूर है। देवदार के ऊँचे ऊँचे पेड़ और यहां का वातावरण यहां आए श्रदालुओ को बहुत शांति प्रदान करता है।