पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान “एक प्रसिद्ध नेशनल पार्क”, Famous Pin Valley National Park in Hindi

हिमाचल प्रदेश में स्तिथ यह एक बहुत ही लोकप्रिय और अद्भुत नेशनल पार्क है। जो अपने प्रकृति के सौंदर्य के लिए पुरे देश भर में जाना जाता है। यह पार्क अन्य नेशनल पार्क से पूर्णतः भिन्न है। यह पार्क उच्च हिमालय में होने की बजह से यहां का वातावरण अधिक ठण्डा रहता है। जिस कारण यहां का मौसम गर्मियों में भी ज्यादा गर्म नहीं होता। इसलिए यहां गर्मियों में भी पर्टयकों की भीड़ लगी रहते है। इस नेशनल पार्क की और भी कई सारी विशेषताए है।
पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान की समुंद्रतल से ऊंचाई, Altitude above sea level of Pin Valley National Park
पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले में एक ठंडे रेगिस्तान पर स्तिथ है। यह स्थान हिमाचल के स्पीति घाटी की पिन नदी तथा उसकी प्रधान सहायक नदी पराहिओ के जलग्रहण क्षेत्र में पड़ता है। इस लोकप्रिय पर्टयक स्थान पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान की ऊँचाई समन्द्रतल से लगभग 3500 मीटर से लेकर 8000 मीटर तक है। इस पार्क के साथ निकटतम शहर या कस्बा लाहौल और स्पीति जिले का काज़ा है। काजा भी एक बहुत ही प्रसिद्ध पर्टयक स्थान है।
हिमालयी हिम तेंदुओं और इबेक्स की अद्भुत दृश्य, Amazing view of Himalayan snow leopards and ibex
पिन वैली नेशनल पार्क प्रसिद्ध हिमालयी हिम तेंदुओं और उनके शिकार इबेक्स की दुर्लभ प्रजातियों का घर है। यहां इबेक्स की बहुत सी प्रजातिया पाई जाती हैं। पिन वैली नेशनल पार्क अपने अविश्वसनीय ट्रेक और वातावरण के लिए सबसे प्रसिद्ध स्थान है जो अपने एहसा आये पर्यटकों का मुख्य आकर्षण का केंद्र है।
पिन वैली नेशनल पार्क पर साल में ज्यादातर समय बर्फ पड़ी रहती है। पिन वैली पार्क 675 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है और इसका बफर ज़ोन लगभग 1150 वर्ग किमी में फैला हुआ है। आज यह लुप्तप्राय हिम तेंदुए सहित वनस्पतियों और जीवों की लगभग 20 से अधिक प्रजातियों का घर है। जो बहुत आकर्षित और लोकप्रिय स्थान है।
पिन वैली पार्क में पाई जाने वाले प्रजातियां, Species found in Pin Valley Park
पिन वैली पार्क के सबसे खास जीवों में साइबेरियन इबेक्स, भारल, रेड फॉक्स, वीज़ल और मार्टेन भी हैं जिनके लिए यह पार्क घर है। इस पार्क में पक्षियों की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं। जिनमें गिद्ध, ग्रिफॉन, चकोर, गोल्डन ईगल, हिमालयन चाउ पिका, स्नो कॉक, दाढ़ी वाले और रेवेन के नाम शामिल हैं। पिन वैली की वनस्पति लगभग 400 प्रजातियों के पौधों और जड़ी बूटियों और मसालों के साथ मिलकर बनती है। इस घाटी में बहुत सी बहुमूल्य जड़ी बूटियों पाई जाती है।
कई प्रकार की विशिष्ट वनस्पति, Many different types of vegetation
जिन से बहुत से प्रकार की दवाइयाँ बनती है। इस स्थान में कई प्रकार की विशिष्ट वनस्पति जैसे रतनजोत, सलमपंजा, सोमलता। जंगली ग़ुलाब भी यहाँ बहुतायत में पाया जाता है। यह नेशनल पार्क हिमाचल प्रदेश के स्पीती के हिस्से में स्थित है और यहाँ की प्रकृति का सौंदर्य बहुत ही सुन्दर है। इस नेशनल पार्क की स्थलाकृति काफी अद्भुत है यहाँ का वातावरण काफी ठंडा रहता है।
पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान पार्क में हिमालय में पाए जाने वाले सभी वनस्पति और जिव की सभी प्रजातियों का जतन किया जाता है। इस पार्क में पर्वत श्रृंखलाएं बड़ी मात्रा में है जो ज्यादा तर बर्फ से ढके रहते है। इन पर्वत के शिखर का दृश्य बहुत ही अद्भुत होता है। जिसकी वजह से पर्यटक यहा पर ट्रेकिंग और गुमने के लिए आते है। इस नेशनल पार्क के इलाके में बौद्ध धर्म का काफी प्रभाव है और यहापर बौद्ध धर्म के मठ बड़ी संख्या में दिखाई देते है। इस पार्क में मुख्य रूप से अल्पाइन के पेड़ और हिमालयी देवदार के पेड़ पाए जाते हैं। गर्मियों के मौसम में पार्क में दुर्लभ पक्षी जैसे हिमालयन स्नोकॉक, चकोर पार्ट्रिज, स्नो पार्ट्रिज और स्नो फिंच आदि पाए जाते हैं।
पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान पार्क आने का सही समय और आने का मार्ग, Pin Valley National Park The right time to visit the park and route
पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान पार्क में बड़ी बड़ी पर्वत श्रृंखलाएं है। जिसकी वजह से यहा पर काफी ठण्ड रहती है लेकिन इस जमे हुए बर्फ के कारण लोग यहा पर ट्रेकिंग करने के लिए काफी संख्या में लोग आते है। इस वजह से पर्यटक बड़ी संख्या में आते है ताकी वे यहा पर ट्रेकिंग और कैंपिंग का पूरा आनंद ले सके। यदि आप इस घाटी में कठिन मार्गों पर ट्रेकिंग करना चाहते हैं तो पिन वैली नेशनल पार्क आपके लिए एक बेहतर स्थान है।
यदि आप इस स्थान में आना चाहते तो आप के लिए इस पर्यटन स्थल पहुँचने के लिए दो मार्ग हैं। पहले वाले को समर रूट कहा जाता है जो जुलाई से अक्टूबर तक खुला रहता है। और दूसरे मार्ग को विंटर रूट कहा जाता है जो मार्च से दिसंबर तक खुला रहता है। इस पार्क तक का समर रूट कुल्लू से शुरू होता है जहां आप बस ले सकते हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर
इस स्थल तक आप कुल्लू से मनाली, रोहतांग दर्रा कुंजम दर्रा की सुंदर सुंदरियों के माध्यम से काजा तक पहुंचते हैं। जब आप काजा पहुँच जाते हैं तो इसके बाद मिक्किम तक बस से यात्रा करना होती है। वनस्पति पशुवर्ग वन विभाग ने राष्ट्रीय उद्यान में कई निरीक्षण पथ, बंकरों और मड फ़ारका में एक पारगमन आवास का निर्माण किया है। बंकरों 10-15 किलोमीटर दूरी के अंतराल पर स्थित हैं। पार्क की परिधि के आसपास स्थानीय मार्गदर्शक और कुम्हार भी उपलब्ध हैं। छुमूर्ति घोड़े, इस घाटी के प्रसिद्ध घोड़े भी इस उद्देश्य के लिए उपलब्ध हैं।