कुंजुम दर्रा – लाहौल स्पीति को कुल्लू घाटी से जोड़ने वाला रोमांचित स्थान

हिमाचल प्रदेश लाहौल-स्पीति जिले में स्तिथ यह एक दर्रा है जिसे कुंजुम ला के नाम से भी जाना जाता है। इस दर्रे की समुंद्रतल से ऊंचाई 4590 मीटर है। तथा यह स्थान मनाली से लगभग 122 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। हिमाचल का यह कुंजुम पास लाहौल-स्पीति जिले का एक महत्वपूर्ण स्थान है। इस दर्रे को पार कर के स्पीती घाटी में पहुंचा जाता है। इस दर्रे का नाम यहाँ पर स्तिथ माता कुंजुम के नाम पर पड़ा है। यहां एक हिन्दूो का धार्मिक मंदिर भी स्थित है जो देवी दुर्गा को समर्पित है।
रमणीय स्थान और आकर्षित स्थान ,Delightful places and attractions
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह माना जाता है की जिसका मन सच्चा होता है और जो भी श्रदालु सच्चे मन से दर्शन के लिए आता है। उसके हाथ से चिपकाया हुआ सिक्का माता की मुर्ति में चिपक जाता है। इसकी कारण यहाँ पर श्रद्धालु अपनी आस्था को प्रकट करने के लिए माता की मूर्ति पर सिक्के चिपकाने का प्रयास करते हैं। इस दर्रे के पास चन्द्र ताल झील है।
जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग 22 पर स्थित है। कुंजुम पास रोहतांग दर्रा से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस स्थान में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर है। जिस की बजह से यहां भारी मात्रा में पर्टयक गुमने और यहां के सौंदर्य का नजारा लेने के लिए आते है। इसके अलावा पर्टयक यहां मनाली, केलोंग चन्द्र-भागा और पांगी घाटी भी दौरा क्र सकते है। जो हिमाचल में लोकप्रिय रमणीय स्थल है।
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर, Full of natural beauty
यह स्थान हिमचाल प्रदेश प्रदेश के उच्च श्रेणी हिमालय में आता है। जिस की ऊंचाई समुंद्रत ताल से 3000 से 6000 मीटर है। जिस कारण यहां का मौसम ज्यादा तर ठंडा रहता है। और यह स्थान ज्यादा तर बर्फ से ढका रहता है। इस स्थान में बहुत पर्वत स्तिथ है। जिस कारण इस घाटी की निचले स्थानों में गर्मियो में भी तापमान 20 डिग्री से उपर नही होता।
हिमालयन राइडिंग के लिए बेहतर स्थान, Better place for Himalayan riding
इस घाटी के साथ और भी बहुत से गुमने और समय व्यतीत करने के लिए आते है।यह स्थान देश विदेश में अपने सौंदर्य और वातावरण के लिए जाना जाता है। यहां का रास्ता अवधाव एवं भूस्खलन के लिए प्रसिद्ध है और जिस कारण यह स्थान यहां आये सैलानियों को कभी-कभी मुशिकिलो में भी ढाल देता है। इस स्थान की अपनी महत्वता के कारण यहां नई पक्की सड़को का निर्माण किया गया है। यह मार्ग मई से नवम्बर तक खुला रखा जाता है।इस दौरान बहुत से पर्टयक दो पहिया वाहनों के साथ हिमालयन राइडिंग के लिए इस स्थान में आते है। इस स्थान