डेरा बाबा रुद्रानंद, “Dera Baba Rudra” is a famous religious place in Una

जैसा की आप जानते हो की हिमाचल प्रदेश को देव भूमि के नाम से जाना जाता है, जिस का कारण यहां स्तिथ बहुत से पवित्र धार्मिक स्थल है, इन्ही में से एक है, हिमाचल के जिला ऊना में स्तिथ नारी गांव के पास स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो ऊना से लगभग 10 किलोमीटरकी दूरी पर बना हुआ है। यह धार्मिक मंदिर हिंदू धर्म के भ्रगवान शिव के रूद्रानंद को समर्पित है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के ऐतिहासिक मंदिरो में से एक है।
इस मंदिर का निर्माण 1850 में संतो द्वारा किया गया था। इस मंदिर की ख़ास बात यह है की यहां की पवित्र राख को अखंड डोना कहा जाता है। माना जाता है, मान्यता है की यदि किसी को सांप ने काटा है, और यदि वो इस मंदिर की राख को जख्म पर मलने पर सारा विष निकल जाता है।
इस मंदिर में विराजमान ब्रह्मचार्य डेरा बाबा रुद्रु, Brahmacharya Dera Baba Rudru sits in this temple
इस लोकप्रिय मंदिर में 1970 में वर्तमान मंहत सुग्रीवनंद ने बाबा रूद्र बाल गोपाल मंदिर की स्थापना नहीं यहां की थी। हर साल भबुत से पर्टयक पर्व के दौरान यहां दर्शन के लिए आते है। इस मंदिर में विराजमान ब्रह्मचार्य डेरा बाबा रुद्रु के नाम से सुप्रसिद्ध अपनी समसामयिक, सामाजिक, अध्यात्मिक तथा रचनात्मक गतिविधियों के कारण विशेष व महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस लोकप्रिय आश्रम का प्रमुख देवता अग्रिदेव है।
हजारों लाखों श्रद्वालु अखंड धूना के सम्मुख नतमस्तक होते हैं, Thousands of millions of devotees are bowing before the unbroken dhuna
इस आश्रम में हर साल हजारों लाखों श्रद्वालु केवल अखंड अग्रि के प्रति अपनी श्रद्धा भेंट करने के लिए अखंड धूना के सम्मुख नतमस्तक होते हैं। इस अखंड धूने को 1850 में बाबा रुद्रानंद जी ने बसंत पंचमी के दिन अग्नि देव की साक्षी में स्थापित किया था। इस धूने में हर दिन वैदिक मंत्रों से हवन डाला जाता है। देश के हर कौने से श्रदालु यहां हवन करवाने के लिए आते है।