“डोरजे ड्रैक मठ” तिब्बती संस्कृति और वास्तुकला से सबंदित एक धार्मिक स्थल, “Dorje Drake Monastery” a religious site associated with Tibetan culture and architecture

यह लोकप्रिय स्थान हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला में स्तिथ एक बहुत ही प्रसिद्ध स्थान है, जिसे दोरजे ड्रैक मठ नाम से जाना जाता है। यह राजधानी शिमला के आकर्षण का केंद्र है। शिमला में दोरजे ड्रैक मठ शहर का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह एक सुंदर बौद्ध मठ है, जो राज्य में तिब्बती संस्कृति की व्यापकता को प्रदर्शित करता है।
इस मठ में ध्यान कर रहे भिक्षुओं को देखने के लिए काफी कुछ है। इस जगह का शांत वातावरण यहां गुमने आये पर्टयकों को बहुत ही मनमोहित करता है। जो पर्टयक रेपोज़ के क्षणों की तलाश में है। वो दोरजे ड्रैक मठ तिब्बती निर्वासितों द्वारा चलाया जाता है।
गुरु पद्मसंभव से सबंदित यह धार्मिक मठ, This religious monastery is associated with Guru Padmasambhava
यह तिब्बती निर्वासितों द्वारा चलाया जाता है। यदि आप मठ को पूरी शान से देखना चाहते हैं, तो गुरु पद्मसंभव के सम्मान में मई के महीने में हर साल मनाए जाने वाले लोकप्रिय हेमिस उत्सव के दौरान इसे देखें। यह मठ न्यींग्मापा स्कूल के सबसे बड़े मठों में से एक है। उनकी उच्चता क्यब्ज़े तकलुंग ट्सेटरुअल रिनपोछे जो भारत में दोरजे ड्रैक मठों के प्रमुख हैं, इस लोकप्रिय मठ का निर्माण उन्होंने 1959 में तिब्बत से विस्थापित होने के बाद शिमला में स्थापित करने का फैसला किया। मठ का ठोस वर्ग और आयताकार संरचना बौद्ध वास्तुकला का एक आदर्श उदाहरण है।
ताक्लुंग त्सेत्रुल रिनपोछे द्वारा हुआ इस लोकप्रिय मठ का निर्माण, This popular monastery was built by Taklung Tsetrul Rinpoche
हिमालयी क्षेत्र तिब्बत पर चीनी आक्रमण के दौरान मूल मठ के विनाश के बाद ताक्लुंग त्सेत्रुल रिनपोछे ने 1984 में शिमला में स्तिथ इस मठ का निर्माण किया। पर्यटकों को किसी भी प्रवेश शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है, वे निशुल्क यहां के दर्शन कर सकते है।
इस मठ में हर साल भारी मात्रा में भक्तों और पर्यटकों द्वारा दौरा किया जाता है। यह लोकप्रिय मठ सप्ताह के सरे दिन खुला रहता है, इस के खुलने कस समय सुबह 10 से शाम 5 बजे तक का हैं, इस बिच आप कभी भी यहां आ कर इस की खूबसूरती को निहार सकते हो।