प्रदेश वासियो को झटका, हिमाचल में उत्पादित बिजली अब हिमाचल में ही होगी महंगी,

प्रदेश सरकार की 50 हजार करोड़ से अधिक राशि के कर्ज में डूबी हुई है। बताया जा रहा है की बिजली बोर्ड के आय के साधन कम और व्यय अधिक होने से घाटा बढ़ता जा रहा है। इस दौरान बोर्ड ने आयोग को भेजी पिटीशन में हिमाचल प्रदेश के 21 लाख घरेलू उपभोक्ताओं और 30 हजार औद्योगिक घरानों को दी जाने वाली बिजली सप्लाई को 8।73 फीसदी की दर से बढ़ाने की मांग की है।
आयोग ने साल 2019 में बोर्ड के 5117।95 करोड़ के वार्षिक राजस्व जरूरत को पूरा करने के लिए घरेलू बिजली प्रति यूनिट पांच पैसे और उद्योगों को दी जाने वाली बिजली को दस पैसे प्रति यूनिट की दर से बढ़ाया जायेगा।
बिजली दरों की बढ़ोतरी रोकने के लिए यहां दे सकते अपने सुझाव
यदि आप इस बढ़ती बिजली की बढ़ोतरी नहीं चाहते हैं, तो आप सात मार्च तक अपने विचारो को सुझाव को दर्ज करवा सकते हैं। बताया जा रहा की प्रदेश विद्युत नियामक आयोग साल 2020-21 के लिए बिजली दरें तय करने से पहले आम जनता की राय भी लेगा। इसी लिए 26 मार्च को आयोग के कसुम्पटी स्थित कार्यालय में जन सुनवाई होगी।
बताया जा रहा है, सुझाव-आपत्तियों का बिजली बोर्ड ने 18 मार्च तक लोगों को जवाब भेजेगा। आम जनता का यह बोलना है की, बिजली हिमाचल प्रदेश में ही बनती है। और हिमाचल के ही वासियो के लिए इस की बढ़ोतरी सही नहीं है।
यहां दे सकती जनता अपने सुझाव
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Shock to state residents, power produced in Himachal will now be expensive in Himachal