नम आंखों से शहीद हमीरपुर के अंकुश को अंतिम विदाई, जब तक सूरज चांद रहेगा, अंकुश ठाकुर तेरा नाम रहेगा नारो के साथ गूंज उठी पूरी भोरंज तहसील

हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर की भोरंज तहसील के कड़ोहता गांव के शहीद वीर जवान अंकुश ठाकुर का शुक्रवार देर शाम राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार शहीद की चिता को छोटे भाई आदित्य ठाकुर ने मुखाग्नि दी। बताया गया की शहीद की अंतिम यात्रा में भारी जनसैलाब उमड़ा हुआ था। इसी दौरान गुस्साए लोगों ने चीन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। प्रदेश में मौसम खराब होने के चलते पार्थिव देह चंडीगढ़ से हेलीकाप्टर में भोटा तक नहीं लाई जा सकी।
ऊना से लेकर हमीरपुर तक लोगों ने तिरंगे लेकर पुष्प वर्षा की
चंडीगढ़ से शहीद को लेकर आ रहे सेना के काफिले पर ऊना से लेकर हमीरपुर तक लोगों ने तिरंगे लेकर पुष्प वर्षा की। इसी के साथ गौर हो कि 15 जून को गलवां घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में हिमाचल प्रदेश के वीर सपूत अंकुश समेत देश के 20 जवानों ने शहादत पाई थी।
मां और छोटा भाई अंकुश की देह को देखर अपने होश खो बैठे
वीर अंकुश के पार्थिव देह घर पहुंचते ही शहीद की मां और छोटा भाई अंकुश की देह को देखर अपने होश खो बैठे। इसी के साथ लोगो ने जब तक सूरज चांद रहेगा, अंकुश ठाकुर तेरा नाम रहेगा, तथा अंकुश भाई अमर रहे’ नारों के साथ सैकड़ों लोगों ने अंकुश को अश्रुपूर्ण विदाई दी। साथ ही शहीद अंकुश ठाकुर की मां ऊषा देवी अपने लाडले की पार्थिव देह देख बेसुध होकर बेहोश हो गई। इसी दौरान अपने बड़े भाई और अपनी मां को देखते हुए 13 वर्षीय छोटा भाई आदित्य भी बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा।
शाम करीब पांच बजे शहीद अंकुश की पार्थिव देह भोरंज पहुंची
अन्य परिजनों तथा लोगों द्वारा पानी के छींटे देकर बड़ी मुश्किल से दोनों को होश में लाया गया। इसी के साथ माहौल बेहद दुख भरा रहा हर किसी की आँखों में गम के आंसू रहे। जानकारी के अनुसार शुक्रवार शाम करीब पांच बजे शहीद अंकुश की पार्थिव देह भोरंज स्थित उसके घर पहुंची। इसी के साथ लेह से हवाई मार्ग के जरिये पार्थिव देह को शुक्रवार सुबह चंडीगढ़ लाया गया। जिसके बाद चंडीगढ़ से एंबुलेंस में हमीरपुर पहुंचाया गया।
पिता हवलदार अनिल कुमार और अन्य परिजन भी फूट-फूट कर रोए
इसी के साथ नंगल से पुलिस की गाड़ी और दर्जनों गाड़ियों के काफिले के साथ अंकुश ठाकुर की पार्थिव देह घर पहुंची। जैसे ही एंबुलेंस घर के करीब पहुंची हर कोई व्यक्ति अपने दुख को छुपा नहीं पाया तथा रो पड़ा। पिता हवलदार अनिल कुमार और अन्य परिजन भी फूट-फूट कर रोए। देश की रक्षा करते हुए अंकुश ठाकुर ने मात्र 21 वर्ष की आयु में इस वतन को अलविदा कह दिया। इसी के साथ ऊना से लेकर हमीरपुर
तक लोगों ने सड़क किनारे तिरंगा लहराते हुए और फूलों की बरसात करते हुए शहीद अंकुश ठाकुर अमर रहे और चीन मुर्दाबाद के नारे लगाए। पुरे राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार।
Last farewell to the martyr of Hamirpur with moist eyes, as long as the sun will remain moon, Ankush Thakur tera naam will resonate with Naro The entire Bhoranj tehsil