स्वास्थ्य विभाग में रेडियोग्राफर पदों पर भर्ती को लेकर असमंजस की स्थिति हुई पैदा, रेडियोग्राफर पेंडिंग भर्ती परीक्षा का निकाल दिया परिणाम

हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में रेडियोग्राफर पदों पर भर्ती को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग ने जिन खाली पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे हैं। इसी के साथ उससे भी अधिक पद एक सप्ताह पहले 1 जून को चयन आयोग ने भर लिए हैं। जानकारी के अनुसार अब चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिलना ही बाकी हैं।
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग ने वर्ष 2017 में स्वास्थ्य विभाग की मांग पर पोस्ट कोड 585 के तहत रेडियोग्राफर के 115 पद भरने को आवेदन मांगे थे। इसी के साथ लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को मूल्यांकन के लिए बुलाया।
डिप्लोमा धारकों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया
जानकारी के अनुसार इस दौरान रेडियोग्राफर भर्ती के लिए डिप्लोमा और डिग्री को लेकर विवाद हो गया। इस कारण महज दो अभ्यर्थी भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को पूरा कर पाए। शेष 113 पदों के लिए योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले। इसी के साथ डिप्लोमा धारकों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। यह मामला कोर्ट में चलता रहा। इसी बीच, स्वास्थ्य विभाग ने खाली पद भरने को फिर से कर्मचारी चयन आयोग को डिमांड भेज दी।
जानकारी के अनुसार आयोग ने मार्च 2020 में पोस्ट कोड 779 के तहत रेडियोग्राफर के 80 नए पदों के लिए आवेदन मांगे। इसी के साथ इस रेडियोग्राफर के इन पदों के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 5 जून थी।
87 पद भरे गए, जबकि 26 पद योग्य अभ्यर्थी न मिलने से खाली रह गए
आयोग ने न्यायालय के आदेशों के बाद वर्ष 2017 में मांगे आवेदनों के तहत शेष पदों का परीक्षा परिणाम बीते सप्ताह 1 जून को घोषित किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार इसमें 87 पद भरे गए, जबकि 26 पद योग्य अभ्यर्थी न मिलने से खाली रह गए हैं। अब सवाल यह है कि अगर विभाग में सभी खाली पद भर गए हैं तो नए आवेदनों का क्या होगा।
स्वास्थ्य विभाग नए आवेदनों के तहत भर्ती करे और उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाए
सरकार और स्वास्थ्य विभाग नए आवेदनों के तहत भर्ती करे और उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाए। ऐसा न करने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. भारत भूषण कटोच ने बताया कि रेडियोग्राफर भर्ती के बारे में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग ही जानकारी दे सकता है।