लॉकडाउन के चलते प्रदेश के करीब 30,000 कलाकार और कारीगरो को सरकार करेगी वित्तीय मदद

देश भर में फैली वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते देश और प्रदेश में लॉकडाउन से हिमाचल प्रदेश के करीब तीस हजार कलाकार और कारीगर अपना रोजगार गंवा चुके हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार इससे इनके समक्ष लंबे समय से रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। हिमकहल प्रदेश सरकार ने ऐसे कारीगरों को राहत पहुंचाने के लिए सभी जिलों से आंकड़ा मांगा है। ताकि उनको भी लॉकडाउन में हुई क्षति के एवज में वित्तीय मदद दी जा सके। सरकार के इस कदम से प्रदेश में बहुत से कारीगरों को राहत मिलेगी।
प्रदेश में फैले कोरोना के चलते अपना रोजगार गवा बैठे यह कारीगर
हिमाचल प्रदेश के ये कारीगर लकड़ी और पत्थरों पर नक्काशी का पुश्तैनी काम करते हैं। इसके अलावा चंबा रुमाल, लोकनृत्य करके और लोक गीतों को गाकर कई कलाकार अपनी आजीविका जुटाते रहे हैं। हिमाचल में कई कारीगर धातुओं के विभिन्न प्रकार के लोक वाद्य यंत्रों को बनाने, धातु और लकड़ी का सजावटी सामान, कांगड़ा कलाकृतियां, मंदिरों के लिए चांदी और सोने का सामान बनाने का काम ये कारीगर वर्षों से कर रहे हैं। परन्तु प्रदेश में फैले कोरोना के चलते इन्हे इस का लाभ नहीं मेल पा रहा है। हिमाचल प्रदेश में ऐसे कारीगरो को वित्तीय सहायता की जायेगी।
30 हजार स्थानीय कारीगरों और कलाकारों की सूची मांगी सराकर ने
हिमाचल प्रदेश में ऐसे कारीगरों को कोरोना काल में इनको अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा और इनकी वित्तीय हालात बिगड़ गई है। जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश सरकार ने भाषा एवं संस्कृति विभाग के सभी जिला अधिकारियों से ऐसे 30 हजार स्थानीय कारीगरों और कलाकारों की सूची मांगी है। इसी एक साथ सरकार ने यह रिपोर्ट भी मांगी है कि कैसे इनकी क्षति पूर्ति की जाए।
भाषा एवं कला संस्कृति विभाग ने इस संबंध में अधिकारियों की एक बैठक भी आयोजित कर ली
अधिकारियों के अनुसार भाषा एवं कला संस्कृति विभाग ने इस संबंध में अधिकारियों की एक बैठक भी आयोजित कर ली है। बताया जा रहा है की यह मामला सरकार के समक्ष रखा जाना है। इस लिए प्रदेश सरकार ने उनकी मदद करके उनकी वित्तीय स्थिति में थोड़ा किया हो।