हिमाचल में 5,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले शिमला-धर्मशाला फोरलेन का काम कोरोना के चलते रुका

हिमाचल प्रदेश में केंद्र की हरी झंडी के बावजूद शिमला-धर्मशाला फोरलेन की टेंडर प्रक्रिया कोरोना वायरस के कारण रुक गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 5,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस फोरलेन का कार्य 05 पैकेज में होना था। वहीं हर पैकेज के लिए
1,000 करोड़ रुपये की राशि खर्च होनी थी। बताया जा रहा है की हिमाचल प्रदेश में इस कार्य को ह्री झंडी काफी पहले मिल चुकी है।
मगर प्रदेश में फैले कोरोना के कारण यह कार्य नहीं हो पाया।
शिमला से धर्मशाला का सफर इससे 8 घंटे का मात्र 4 घंटों में ही पूरा होना था
जानकारी के अनुसार फोरलेन के निर्माण से शिमला से धर्मशाला की दूरी 223 किलोमीटर से सिमटकर 180 किलोमीटर ही ही रह जानी थी। बताया जा रहा है की इससे 8 घंटे का सफर मात्र 4 घंटों में ही पूरा होना था।
इसी के साथ हिमाचल प्रदेश में आने वाले पर्यटकों व अन्य लोगों को बेहतर सड़क सुविधा मिलनी थी। इसके बारे में
भूतल मंत्रालय से हिमाचल प्रदेश के सांसद करीब 05 महीने पहले केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिले थे। इसी दौरान नितिन गडकरी ने हिमाचल प्रदेश में केंद्रीय प्रोजेक्टों को गति देने के आदेश एनएचएआई को दिए थे। साथ ही शिमला-धर्मशाला फोरलेन की आगामी प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा गया था।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शिमला-धर्मशाला फोरलेन के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए
इस फोरलेन के साथ ही ब्रह्मपुखर-कंदरौर डबल लेन का निर्माण कार्य भी साथ ही होना था।
जानकारी के अनुसार शिमला-धर्मशाला फोरलेन के परियोजना निदेशक वाई ए राउत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली में हुई बैठक में शिमला-धर्मशाला फोरलेन के निर्माण
की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही ब्रह्मपुखर-कंदरौर डबल लेन का कार्य भी साथ में ही होना था
लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण आगामी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। जिस से इस का काम रुका हुआ है।