सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने पर तथा कृषि मंत्री मारकंडा को काजा के प्रवेश द्वार पर रोकने पर आधा दर्जन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

हिमाचल प्रदेश में कृषि मंत्री मारकंडा को काजा के प्रवेश द्वार पर रोककर वहा से वापस भेजने के मामले में पुलिस ने करीब आधा दर्जन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें कुछ सरकारी कर्मचारी भी शामिल बताए जा रहे हैं। इसी के साथ पुलिस
अभी और लोगों की पहचान कर रही है। हाल ही में स्पीति के काजा में सैकड़ों महिलाओं ने क्वारंटीन के नाम पर कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा और उनके स्टाफ की घेराबंदी कर उन्हें काजा में प्रवेश नहीं करने दिया था। जिस का अहम कारण प्रदेश में फैले कोरोना वायरस था।
सरकारी अधिसूचना के उल्लंघन पर धारा 143 और 341 के तहत मामला दर्ज
प्राप्त जानकारी के अनुसार उस दौरान कुछ लोगों ने सियासी नारेबाजी भी की थी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। इस वीडियो के आधार पर पुलिस अभी और लोगों की पहचान में जुटी है। एसपी लाहौल-स्पीति राजेश धर्माणी ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना में संलिप्त करीब आधा दर्जन लोगों के
खिलाफ रास्ता रोकने और सरकारी अधिसूचना के उल्लंघन पर धारा 143 और 341 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच के दौरान सामने आया है कि विरोध प्रदर्शन में पुलिस के अलावा कई अन्य सरकारी कर्मचारी भी शामिल थे। जिन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
प्रदेश के कंटेनमेंट एरिया को छोड़ कर आवाजाही करने वालों को क्वारंटीन की जरूरत नहीं
बताया जा रहा है की इसकी पुलिस वीडियो के आधार पर जांच कर रही है। एसपी ने कहा कि स्पीति में लोगों ने जिस तरह मंत्री की घेराबंदी की है। वह सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन है। इसी लिए हिमाचल सरकार ने निर्देश जारी कर कहा है कि प्रदेश के कंटेनमेंट एरिया को छोड़ कर
आवाजाही करने वालों को क्वारंटीन की जरूरत नहीं है। इसी के साथ पुलिस कार्रवाई के बाद स्पीति में हड़कंप मच गया है। तथा इस मामले से स्पीति की जनता में बेहद आक्रोश है। स्पीति की जनता बेहद परेशान है।