
सोलन की अधिष्ठात्री मां शूलिनी की इस वर्ष पालकी न निकालने के निर्णय पर स्थानीय लोगों ने किया कड़ा विरोध
हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन की अधिष्ठात्री मां शूलिनी की इस वर्ष पालकी न निकालने के निर्णय का स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध किया है। देश भर और प्रदेश में फैले कोरोना वायरस की बजह से हिमाचल प्रदेश सरकार ने अधिष्ठात्री मां शूलिनी की इस वर्ष पालकी न निकालने
के निर्देश दिए है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उनका कहना है कि मां की पालकी निकालने की परंपरा बरकरार रहनी चाहिए और इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य नियमों का पालन करना चाहिए।
मां शूलिनी और उनकी बहन मां दुर्गा के मिलन के प्रतीक इस पर्व का प्राचीन इतिहास
इसी के साथ मां शूलिनी और उनकी बहन मां दुर्गा के मिलन के प्रतीक इस पर्व का प्राचीन इतिहास है। बताया जा रहा है की यहां के लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस की बजह से इस वर्ष मेला हो पाना तो मुनासिब नहीं है।
लेकिन लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए मां की पालकी को पूरे नियमों के तहत निकालनी चाहिए। इसी लिए लोगो ने प्रसाशन के इस निर्णय पर बेहद रोष जताया है।