शांगहार देवभूमि कुल्लू में स्तिथ एक लोकप्रिय और प्रसिद्ध पर्टयक स्थान, हरे भरे घास के मैदानो के लिए देश भर में प्रसिद्ध

हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है, जिस बजह से यहां बहुत से प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पर्टयक स्थान है, जिन की यात्रा के लिए हर साल देश विदेश से पर्टयक हिमाचल की यात्रा के लिए आते है। यहां बहुत से रोमांचित और ऐतिहासिक पर्टयक स्थान है। एक ऐसा ही लोकप्रिय और प्रसिद्ध पर्टयक स्थान है।
सैंज्ज घाटी में स्तिथ है यह लोकप्रिय पर्टयक स्थान
हिमाचल प्रदेश की देवभूमि कुल्लू में जो सैंज्ज घाटी में स्तिथ है। इस लोकप्रिय और प्रसिद्ध पर्टयक स्थान का नाम शांगहार है। जो अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां की कला और इस गांव की संस्कृति यहां आये पर्टयको को बेहद रोमांचित करती है।
प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर पर्टयक स्थान
हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में स्तिथ इस पर्टयक स्थान की यात्रा के लिए हर साल भारी मात्रा में पर्टयक यहां घूमने और समय व्यतीत करने के लिए आते है। यदि आप एक प्रकृति प्रेमी हो और यदि आप एक शांत और एकांत स्थान की तलाश कर रहे है।
तो आप के लिए शांगहार एक आदर्श स्थान साबित हो सकता है। यह खूबूसरत प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पर्टयक स्थान सैंज घाटी में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क इको ज़ोन में भारतीय हिमालय की गोद में बसा हुआ एक छोटा सा गांव है।
घने देवदार के जंगल से घिरा हुआ एक आकर्षित पर्टयक स्थान
शांगर गांव यहां आये सैलानियों को बहुत से अद्भुत और खूबूसरत दृश्य प्रदान करता है। यहां आप को बहुत से खूबूसरत विशाल मैदान देखने को मिल जाएंगे। यह पूरा स्थान चारों ओर से घने देवदार के जंगल से घिरा हुआ और प्रकृति को अपने में सिमेटे हुए है। यहां से आप को खूबसूरत पहाड़ो के दृश्य भी देखने को मिलेंगे जो आप को बेहद रोमांचित करेंगे।
महाभारतकाल से समबन्दित
इस लोकप्रिय पर्टयक स्थान के बारे में बहुत सी पौराणिक कथाये प्रचलित है, यहां के स्थानीय लोगो का कहना है की यहां महाभारतकाल के दौरान 5000 साल पहले, पांडव अपने परित्याग काल के दौरान इस स्थान में आये थे। साथ ही कहा
जाता है की उन्होंने यहां चावल की खेती करने के लिए मिट्टी को शुद्ध करके शंगहेर घास का मैदान बनाया था। मान्यता है की इसलिए इस क्षेत्र में जमीन की खोदाई के दौरान किसी भी तरह का कोई पत्थर नहीं मिलता है।
ऐतिहासिक और पौराणिक कथा के अनुसार
पौराणिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है की पांडवों के चले जाने के बाद, इस स्थान पर राक्षसों का बसेरा हुआ करता था, जिन्हें हिमाचल के जिला किन्नौर के शंगचुल महादेव द्वारा नष्ट करने के लिए कहा गया था। बताया जाता है की बाद में
कागज पर शंगहेर घास के मालिक हुआ करते थे और खुद एक शास्त्रीय हिमालय लकड़ी के मंदिर में घास के मैदान के एक विस्तारित हिस्से में बस गए।
ट्रेकिंग और कैंपिंग के लिए देश भर में प्रसिद्ध पर्टयक स्थान
कुल्लू में स्तिथ इस पर्टयक स्थान में आप ट्रेकिंग, कैंपिंग का आनंद ले सकते है, जो आप को बहुत ही रोमांचित करेगा। यदि आप हिमाचल प्रदेश की यात्रा के लिए आ रहे है, तो इस स्थान की यात्रा एक बार अवश्य करे। तथा प्रकृति के खूबूसरत दृश्यो को अपने कैमरे में कैद करे।
भुंतर एयरपोर्ट से 50 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है यह स्थान
यहां पहुंचने के लिए आप सड़क मार्ग या हवाई मार्ग का इस्तेमाल कर सकते है। कुल्लू में स्तिथ भुंतर एयरपोर्ट से इस लोकप्रिय पर्टयक स्थान शांगर गांव आसानी से पहुंच सकते है।
भुंतर एयरपोर्ट से इस गांव की दुरी केवल 50 किलोमीटर है। इसी के साथ नई दिल्ली से शंघाई सड़क मार्ग लगभग 520 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है। जिस को 10 या 11 घंटे में आसानी से पूरा किया जा सकता है।
शांगहार की यात्रा करने का सी समय
यदि आप इस लोकप्रिय पर्टयक स्थान की यात्रा करने के लिए आना चाहते है तो आप को यहां आने से पहले सही समय की जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस स्थान की यात्रा करने का सबसे सही समय गर्मियों के मौसम के दौरान का माना जाता है।
इस दौरान यहां का मौसम बेहद शांत और आरामदायक होता है। यहां की यात्रा के लिए अप्रैल से जून और अक्टूबर से नवम्बर तक समय सबसे सही माना जाता है।
सर्दियों के मौसम के दौरान यहां भारी मात्रा में बर्फबारी होती है। जिस बजह से यहां का मौसम भी बेहद ठंडा हो जाता है। अपनी हिमाचल यात्रा के दौरान इस स्थान को अवश्य शामिल करे।