हिमाचल में पंचायत सचिव की बड़ी गलती, गरीब किसान को बना दिया कागजो में सरकारी कर्मचारी

हिमाचल प्रदेश के घुमारवीं उपमंडल की मोरसिंघी पंचायत में एक बड़ा मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की यहां पंचायत सचिव के कारनामे की वजह से एक गरीब किसान बुढ़ापा पेंशन पाने को भी मोहताज हो गया है।
बुजुर्ग किसान को ऑनलाइन रिकॉर्ड में सरकारी नौकर बना दिया
बताया जा रहा है की पंचायत सचिव ने बुजुर्ग किसान को ऑनलाइन रिकॉर्ड में सरकारी नौकर बना दिया, जबकि असल में न तो बुजुर्ग और न उसके परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी करता है, यह एक गरीब किसान का परिवार है। इस परिवार के लोग खेतीबाड़ी और छोटे-मोटे काम करके गुजारा करते हैं।
बुढ़ापा पेंशन पाने के लिए परिवार की ऑनलाइन नकल निकलवाई जिस दौरान मिली इस की जानकारी
बताया जा रहा है की इस बात का कसोल गांव के बुजुर्ग द्वारका दास को तब पता चला जब उसने बुढ़ापा पेंशन पाने के लिए परिवार की ऑनलाइन नकल निकलवाई। इसी के साथ बताया जा रहा है की इससे बुजुर्ग गरीबों की योजनाओं से भी वंचित हो गया,
पंचायत की इस बड़ी गलती की बजह से किसान बहुत सी योजनाओ का लाभ नहीं ले पाया है। इसकी शिकायत अब द्वारिका दास ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के 1100 नंबर पर कर दी है तथा पुरे मामले की जांच की जा रही है।
बुढ़ापा पेंशन के अलावा उन योजनाओं से भी वंचित कर रही सरकार
प्राप्त जानकारी के अनुसार द्वारका दास ने बताया कि उसे बुढ़ापा पेंशन के लिए कागज तैयार करवाने थे। इसी के साथ इसके लिए उसे परिवार नकल की चाहिए थी। बताया जा रहा है की उसने ऑनलाइन नकल की कॅापी निकलवाई
जिसके बाद उसे इस बात की जानकारी मिल पाई की उसे तो एक सरकारी कर्मचारी बना दिया गया है। किसान द्वारका दास के अनुसार पंचायत की यह गलती उसे बुढ़ापा पेंशन के अलावा उन योजनाओं से भी वंचित कर रही है।
किसान के परिवार में पत्नी और 2 बेटे
सरकार द्वारा जो योजनाएं गरीबों के लिए चलाई गई हैं। द्वारका दास उन किसी भी परियोजनाओं का लाभ नहीं ले पाया है। इसके परिवार में पत्नी और 2 बेटे हैं। पंचायत ने कैसे उन्हें सरकारी नौकरी में दर्शा दिया, इस बात का कोई जानकारी नहीं है। बताया जा रहा है की मोरसिंघी पंचायत प्रधान जगदीश ठाकुर ने बताया कि इनके ऑनलाइन रिकॉर्ड गलत किये हैं।
जल्द ही दुरुस्त कर दिया जाएगा किसान का रिकॉर्ड पंचयत सचिव
रिकॉर्ड कैसे गलत दर्ज हुआ, इसकी जानकारी पंचायत सचिव ही दे सकते हैं। इसी के साथ बताया जा रहा है की पंचायत सचिव सुरेंद्र ने बताया कि मेरे आने से पहले ही यह सब रिकॉर्ड में दर्ज था। इसी के साथ कहा गया की इस गलती को जल्द ही दुरुस्त कर दिया जाएगा।