चुनाव के एलान से पहले ही प्रधान और उपप्रधान का चयन कर लिया गया, पर्ची डालकर देवता के प्रागण में चुना का प्रत्याशी को

हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में एक बड़ा पंचायती चुनाव से समबन्दित मामला सामने आया है। बताया जा रहा है की यहां चुनाव के एलान से पहले ही प्रधान और उपप्रधान का चयन कर लिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की यह मामला कोटि उतरोऊ से कटकर नई बनीं बम्बल पंचायत से जुड़ा है। इसी के साथ सिरमौर के प्रसिद्ध धार्मिक स्थान शिरगुल महाराज के मंदिर में एकत्रित होकर ग्रामीणों ने पर्ची डालकर इसका फैसला लिया।
प्रधान और उपप्रधान के नाम तय कर लिए गए
प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की प्रधान और उपप्रधान के नाम तय कर लिए गए। साथ ही रोस्टर जारी होने के बाद प्रधान पद आरक्षित होने की स्थिति में पर्ची से
निकाले गए प्रधान और उपप्रधान की रजामंदी से ही प्रधानगी का फैसला होगा। इसी के साथ हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में देवता का आदेश सर्वोपरि है।
बताया जाता है की कई महत्वपूर्ण फैसले ग्रामीण देवी-देवता के दरबार में जाकर यहां के निवासी करते है। सिरमौर में हाल ही में बनी बम्बल पंचायत में ऐसा ही हुआ है। जो चर्चा में रहा है।
मतदाताओं की संख्या लगभग 700 है। इसमें से अकेले बम्बल में ही 400 मतदाता हैं
प्राप्त जानकारी के अनुसार पंचायत में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 700 है। इसमें से अकेले बम्बल में ही 400 मतदाता हैं। बताया जा रहा है की सोमवार को गांव में स्थित
देवता के प्रांगण में एकत्रित होकर ग्रामीणों ने बैठक की। इसमें में पंचायत के 04 गांवों के हर परिवार से एक सदस्य को बुलाया गया था।
गुमान सिंह की पर्ची निकली और उन्हें प्रधान चुना गया
दो पर्चियां डाली गईं। एक पर्ची में गुमान सिंह और दूसरी में बिशन सिंह के नाम लिखे थे। एक बच्चे ने एक पर्ची को उठाया। जिसमें गुमान सिंह की पर्ची निकली और उन्हें प्रधान चुना गया। दूसरी पर्ची बिशन सिंह की थी। उन्हें उपप्रधान चुना गया।
बम्बल पंचायत में 05 वार्ड सदस्य भी चुने जाने हैं। इसका जिम्मा भी प्रधान और उपप्रधान को सौंपा गया।
बम्बल देव प्रक्रिया में बम्बल पंचायत के 04 गांव बम्बल, कांडों लाणी, भिड़ाल, आवत के हर समुदाय के लोग इस बैठक में मौजूद हुए
इस देवता के प्रागण में हुई बैठक एवं देव प्रक्रिया में बम्बल पंचायत के 04 गांव बम्बल, कांडों लाणी, भिड़ाल, आवत के हर समुदाय के लोग इस बैठक में मौजूद हुए।
इसी के साथ फैसला लिया गया कि यदि सरकार के चुनावी रोस्टर में प्रधान पद आरक्षित होता है तो प्रधान को चुनने का अधिकार भी प्रधान और उपप्रधान को ही होगा।
इसी के साथ मंदिर के पुजारी भगत राम शर्मा और युवक मंडल प्रधान ओम प्रकाश ने बताया कि शिरगुल महाराज के सानिध्य में यह फैसला लिया गया है। तथा उनकी की कृपया से प्रधान को चुना गया है।