अब हिमाचल में 40 हजार आबादी वाले शहरो को अब नगर निगम बनाने पर विचार, हिमाचल में बनेंगे 04 अन्य क्षेत्रो को किया जाएगा नगर निगम में शामिल

हिमाचल प्रदेश में अब 40 हजार आबादी वाले शहरो को अब नगर निगम बना दिया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है, की पहले 50 हजार आबादी वाले शहरों को नगर निगम बनाने का प्रावधान था।
जिन शहरो में 50 हजार अवादी होगी उन को ही नगर निगम बनाया जाएगा। मगर इस पर संशोधन के लिए बुधवार को शहरी विकास मंत्री ने विधानसभा पटल पर नगर निगम अधिनियम 1994 का संशोधन विधेयक रखा है।
रदेश सरकार 04 अन्य नगर निगम बनाने पर विचार कर रही
बताया जा रहा है की चर्चा के बाद इसे सहमति दी जाएगी। हिमाचल प्रदेश में अभी दो नगर निगम शिमला और धर्मशाला में हैं। इसी के साथ प्रदेश सरकार 04 अन्य नगर निगम बनाने पर विचार कर रही है। जिस पर जल्द ही निर्णय ले लिया जाएगा।
सोलन, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़, मंडी और काँगड़ा के पालमपुर को भी नगर निगम बनाने की मांग
प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़, मंडी और काँगड़ा के पालमपुर को भी नगर निगम बनाने की मांग उठ गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बता दें कि इन शहरों की आबादी 50 हजार से कम है। ऐसे में सरकार ने नगर निगम बनाने के लिए नियमों में संशोधन करने का फैसला लिया है।
सोलन और बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ शहर जनसंख्या के हिसाब से ठीक बैठ रहा
जिला सोलन और बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ शहर जनसंख्या के हिसाब से ठीक बैठ रहा है। इसकी आबादी 40 हजार है। इसी के साथ अन्य शहरों की आबादी बढ़ाने के लिए क्षेत्रों
को समायोजित किया जा रहा है। जिस के बाद उन को भी नगर निगम बनाने पर विचार किया जा रहा है।
क्षेत्र को समायोजित करने के लिए अब लोगों को 02 सप्ताह में आपत्तियां और सुझाव देने का समय मिलेगा
इसी के साथ प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पालिका में किसी भी क्षेत्र को समायोजित करने के लिए अब लोगों को 02 सप्ताह में आपत्तियां और सुझाव देने का समय मिलेगा।
इसी के साथ पहले यह समय 06 सप्ताह का होता था। अगर लोग 02 सप्ताह में आपत्तियां और सुझाव नहीं देंगे तो उनकी सहमति मानी जाएगी।
नगर पालिका अधिनियम 1994 के संशोधन विधेयक को मंजूरी के लिए विधानसभा पटल पर रखा
इसी पर शहरी विकास मंत्री ने बुधवार को विधानसभा पटल पर नगर पालिका अधिनियम 1994 के संशोधन विधेयक को मंजूरी के लिए विधानसभा पटल पर रखा है।
जिसके बाद यह तय किया जाएगा की नगर निगम बनाये जाएंगे या नहीं इस पर विधानसभा में चर्चा की जायेगी। जिस की बाद इस विधयक को लागू कर दिया जायेगा।