हिमाचल में कोरोना की बजह से हाई-वे पर गन्ने का जूस बेचने को मजबूर प्रदेष के राष्ट्रीय खिलाडी अजय और राकेश

हिमाचल प्रदेश में फैली कोरोना महामारी की वजह से हर किसी को कोई न कोई परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की कुछ तो इतने मजबूर हैं कि उन्हें अब अपना भविष्य तक धुंधला नजर आने लगा है। हिमाचल में ऐसे भी लोग हैं, जो आगे चलकर देश का नाम रोशन करने का सुनहरा सपना तक संजोए हुए हैं।
कोरोना ने आर्थिक तौर पर युवाओ को किया कमजोर
इसके लिए कड़ी मेहनत भी करते आ रहे हैं, लेकिन कोरोना ने आर्थिक तौर पर ऐसी कमर तोड़ी कि अब वह सुनहरा सपना भी इन्हें डराने लगा है, हिमाचल प्रदेश के खिलाडी अपनी कला अपनी गेम को छोड़ कर अन्य कार्य कर रहे है।
बेरोजगारी से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के नेशनल रेस्लर अजय और राकेश
प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की ऐसे ही बेरोजगारी से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के नेशनल रेस्लर अजय और राकेश हैं। यह दोनों ही राष्ट्रीय खिलाड़ी नेशनल हाई-वे पर गन्ने का जूस पिलाकर रोजी-रोटी कमा रहे हैं। बताया जा रहा है की अजय पांच और राकेश तीन बार नेशनल लेवल पर कुश्ती में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं,
लेकिन आईटीआई डिप्लोमा करने के बावजूद बिजली विभाग में खिलाडि़यों के लिए 03 प्रतिशत कोटे के तहत लाइनमैन और अन्य पद भरकर कुश्ती, बॉक्सिंग व जूडो खिलाडि़यों को योग्य करार नहीं दिया जा रहा जिस बजह से प्रदेश के खिलाडी बेहद दुविधा में है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व कैबिनेट मंत्री गोविंद ठाकुर से भी फरियाद लगा चुके
जानकारी के अनुसार इस समस्या को लेकर दोनों खिलाड़ी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व कैबिनेट मंत्री गोविंद ठाकुर से भी फरियाद लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें केवल कोरे आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं प्राप्त हुआ। राकेश और अजय कुमार ने कुश्ती के साथ अन्य खेलों को बिजली विभाग में शामिल किए जाने की मांग की है। ताकि प्रदेश के अन्य खिलाड़ियों को भी इस का लाभ मिल सके।