प्रधानमंत्री आवास की जांच करने पहुंची टीम के सामने कई सवाल खड़े हो गए, सिरमौर के शिलाई की लोजा मानल पंचायत का मामला आया सामने

हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के शिलाई की लोजा मानल पंचायत में कुष्ठ रोगी को स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास की जांच करने पहुंची टीम के सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की इस योजना के तहत स्वीकृत धनराशि खर्च हो चुकी है। साथ ही बताया जा रहा है की टीम को मौके पर कोई आवास नहीं मिल पाया है।
माझूराम को वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भवन बनाने के लिए लगभग 1 लाख 30 हजार रुपये स्वीकृत हुए
जानकारी के अनुसार माझूराम को वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भवन बनाने के लिए लगभग 1 लाख 30 हजार रुपये स्वीकृत हुए थे। इसी के साथ बताया जा रहा है की भवन बनाने को लेकर 8 मई 2017 को पहली किश्त, 12 मार्च 2018 को दूसरी किश्त और 7 अप्रैल 2018 को आखिरी किश्त की अदायगी दिखाई गई है।
SDM शिलाई और विकास खंड अधिकारी शिलाई मौके पर पहुंचे
प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रा है की आवास अभी तक नहीं बन पाया है। आखिरी किश्त की अदायगी होने के बाद माझूराम का देहांत हो गया है। बताया जा रहा है की बीते 05 मार्च को स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत उपायुक्त से की थी। जिसकी जांच के लिए SDM शिलाई और विकास खंड अधिकारी शिलाई मौके पर पहुंचे।
इसी के साथ बताया जा रहा है की जहां पाया गया कि मकान निर्माण में कोई धनराशि खर्च नहीं की गई है। इसी के साथ माझूराम के बैंक खाते से 65 हजार रुपये भी निकाले गए हैं।
26 नवंबर 2019 को ग्रामीणों ने पहले भी आवास न बनने की शिकायत विकास खंड अधिकारी शिलाई से की थी
इसी के साथ बताया जा रहा है की इससे पूर्व 26 नवंबर 2019 को ग्रामीणों ने पहले भी आवास न बनने की शिकायत विकास खंड अधिकारी शिलाई से की थी। इसी के साथ जिसकी एक प्रति जिलाधीश सिरमौर को भी प्रेषित की गई थी।
मकान के भीतरी हिस्से में 65 हजार रुपये खर्च किए गए
साथ ही बताया जा रहा है की मकान के भीतरी हिस्से में 65 हजार रुपये खर्च किए गए हैं। ऐसे में तकनीकी सहायक और कनिष्ठ अभियंता के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है।
रिपोर्ट के पश्चात पंचायत ने लाभार्थी के बैंक खाते में राशि जमा करवाई है
साथ ही जब मकान का कार्य हुआ ही नहीं तो स्वीकृत राशि की तीनों किश्तें आखिर पंचायत ने लाभार्थी के खाते में कैसे जमा करवा दीं जाए साथ ही पंचायत प्रधान राजो
मालवीय और सचिव नेत्र सिंह ने बताया कि तकनीकी रिपोर्ट के पश्चात पंचायत ने लाभार्थी के बैंक खाते में राशि जमा करवाई हैं। मगर अभी तक आवास का कार्य पूरा नहीं हो पाया है।