हिमचाल प्रदेश के देवभूमि कुल्लू में स्तिथ यह भुंतर एयरपोर्ट

हिमाचल प्रदेश में स्तिथ जिला कुल्लू एक बहुत ही लोकप्रिय और प्रसिद्ध पर्टयक स्थान है। जंहा बहुत से ऐतिहासिक और रोमांचित पर्टयक स्थान है। हर साल देश विदेश से पर्टयक यहां घूमने और समय व्यतीत करने के लिए आते है।
इसी के साथ हिमाचल का यह जिला कुल्लू सड़क मार्ग तथा हवाई मार्ग से हर क्षेत्र से जुड़ा हुआ है जंहा से आप यहां आसानी से पहुंच सकते हो। कुल्लू में एक एयरपोर्ट भी स्तिथ है, जो भुंतर नामक स्थान में स्तिथ है इस एयरपोर्ट को भुंतर एयरपोर्ट कहा जाता है।
व्यास नदी के किनारे स्तिथ है यह भुंतर एयरपोर्ट
इसी के साथ हवाई अड्डा भुंतर के छोटे से शहर कुल्लू और मनाली जिले में स्थित है इसी के साथ यह भुंतर का यह एयरपोर्ट मनाली और मणिकरण और कसोल के हिल स्टेशनों के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु के रूप में कार्य करता है। यह भुंतर का हवाई अड्डा ब्यास नदी के तट पर स्थित है।
जो की पर्टयकों को बहुत ही रोमांचित करता है। इसी के साथ इस भुंतर एयरपोर्ट से कुल्लू की दुरी 10 किलोमीटर की है। इसी के साथ यहां से लोकप्रिय पर्टयक स्थान मनाली की दुरी 50 किलोमीटर की है।
कहा-कहा से भरी जाती है यह उड़ाने
इसी के साथ कुल्लू के भुंतर के एयरपोर्ट से शिमला और दिल्ली से उड़ान भरी जा सकती है। इसी के साथ “जग्गन” एयरलाइंस भुंतर में उड़ानों की नियमित सेवा में सहायता करती है।
इसी के साथ हवाई अड्डे के लिए दिल्ली के साथ-साथ पठानकोट से एयर इंडिया तथा चंडीगढ़ से डेक्कन चार्टर और जैगसन एयरलाइनों के लिए उड़ानें भरी जाती हैं। इसी के साथ जैगसन एयरलाइन दिल्ली, धर्मशाला और कोलकाता के साथ भुंतर हवाई अड्डे को भी जोड़ती है।
इंडिया क्षेत्रीय ने मई 2013 में कुल्लू में परिचालन शुरू किया था
इसी के साथ जुलाई 2012 में एयर इंडिया क्षेत्रीय एयरलाइन को रोक दिया गया था। जिसके बाद किंगफिशर एयरलाइंस ने भी सितंबर 2012 में अपना परिचालन बंद कर दिया था।
इसी दौरान पर्टयकों को बहुत ही परेशानी होती थी यहां पहुंचने के लिए इसी के साथ एयर इंडिया क्षेत्रीय ने मई 2013 में कुल्लू में परिचालन शुरू किया था जिसके बाद यहां पर्टयको की संख्या में बहुत ही बढ़ोतरी हुई है।
एयर इंडिया रीजनल और डेक्कन चार्जर्स द्वारा दिल्ली से घरेलू उड़ानों को शेड्यूल करना शुरू
इसी के साथ कुल्लू, चंडीगढ़ और कुल्लू को जोड़ने वाली उड़ानें भी शुरू की गईं 2 अप्रैल, 2014 से दिन में 03 बार डेक्कन चार्टर्स के साथ-साथ हिमालयन बुल्स, एयरपोर्ट ने अगस्त 2016 में चंडीगढ़ से हिमालयन बुल्स के साथ एयर इंडिया रीजनल और डेक्कन चार्जर्स द्वारा दिल्ली से घरेलू उड़ानों को शेड्यूल करना शुरू किया जिस के बाद यहां सैलानियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
भुंतर एयरपोर्ट्स से रनवे की लंबाई कितनी है
कुल्लू के इस लोकप्रिय और प्रसिद्ध भुंतर एयरपोर्ट्स से रनवे की लंबाई 3,690 फीट है साथ ही इस एयरपोर्ट की सतह डामर है साथ ही हवाई अड्डा रनवे चुनौतीपूर्ण है
क्योंकि एक एकल रनवे है जो बढ़ती चोटियों के बीच में स्थित है। जो पर्टयकों को बहुत ही खूबूसरत और मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करत है।
कुल्लू के इस एयरपोर्ट का रनवे अन्य की तुलना में बहुत अधिक ऊंचाई पर है। इसी के साथ अतीत में और साथ ही हवाई अड्डे ने ब्यास नदी के तट पर स्थित होने के कारण बाढ़ जैसे कई समस्याए सामने आ जाती है मगर इस एयरपोर्ट के बनने से पर्टयक आसानी से कुल्लू तथा मनाली की यात्रा कर सकते है।
1995 में इस एयरपोर्ट में व्यास नदी में आई थी बाढ़
इसी के साथ हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में स्तिथ इस भुंतर को पायलटों के लिए एक चुनौतीपूर्ण हवाई अड्डा माना जाता है। जिस का कारण इसकी एक गहरी घाटी में इस एयरपोर्ट का रनवे है। यहां स्तिथ चोटियाँ रनवे से कई हज़ार फीट ऊंची हैं।
1995 में इस एयरपोर्ट में व्यास नदी में आई फ्लैश बाढ़ ने रनवे के लिए खतरा पैदा कर दिया था इसी के साथ इस भुंतर में नए एयर टर्मिनल का उद्घाटन 2008 में किया गया था साथ ही इस हवाई एप्रन एक समय में दो विमान पार्क करने के लिए बढ़ गया था।
दिन में 03 बार कुल्लू-चंडीगढ़-कुल्लू उड़ानें भरी जाती है इस एयरपोर्ट से
इसी के साथ यहां किंगफिशर एयरलाइंस ने सितंबर 2012 में परिचालन बंद कर दिया था, जबकि एयर इंडिया क्षेत्रीय ने मई 2013 में कुल्लू में अपना परिचालन फिर से शुरू किया था।
साथ ही डेक्कन चार्जर्स के सहयोग से हिमालयन बुल्स ने 2 से 2014 तक दिन में 03 बार कुल्लू-चंडीगढ़-कुल्लू उड़ानें शुरू की हैं। जिसके बाद यहां पर्टयक की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।
कुल्लू के भुंतर एयरपोर्ट की दुरी
इसी के साथ इस एयरपोर्ट से यहां स्तिथ पर्टयक स्थानों कीअच्छी कनेक्टिविटी हो गयी है, इसी के साथ सैलानी यहां से लोकप्रिय पर्टयक स्थान में पहुंचने के लिए इस हवाई अड्डे के बाहर कैब बुक कर सकते है। या फिर निजी या सरकारी बसों के द्वारा पर्टयक स्थानों में पहुंच सकते है।
कुल्लू का यह भुंतर हवाई अड्डा कांगड़ा से सड़क मार्ग से 200 किलोमीटर और हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से सड़क मार्ग से लगभग 220 किलोमीटर
की दूरी पर स्थित है। आप भी यदि कुल्लू घूमने और समय व्यतीत करने के लिए आना चाहते है तो इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल अवश्य करे।