हिमाचल में 2022 तक किसानों-बागवानों की आय दोगुना करने की तैयारी

हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2022 तक किसानों-बागवानों की आय दोगुना करने ओरे साथ ही इसमें सौर ऊर्जा सिंचाई परियोजनाएं अहम भूमिका निभाएंगी, प्राप्त
जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की इसके लिए आधुनिक तकनीकों और नवाचार का उपयोग कृषि क्षेत्र में हो रहा है।
इसी के साथ इस से हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए हिमाचल प्रदेश में सौर ऊर्जा से संचालित सिंचाई परियोजना शुरू की गई है। जो प्रदेश के किसानो के लिए बहुत ही लाभदायक साबित हो सकता है।
पीएम कुसुम योजना को भी हिमाचल प्रदेश में कार्यान्वित किया जा रहा
इसी के साथ बताया जा रहा है की पीएम कुसुम योजना को भी हिमाचल प्रदेश में कार्यान्वित किया जा रहा है, इसी के साथ बताया जा रहा है की इसका लाभ उठाने को किसान उपमंडल भू-संरक्षण अधिकारी कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।
जानकारी के अनुसार इसी के साथ कृषि निदेशक डॉ. नरेश कुमार बधान ने कहा कि पर्यावरण मित्र होने के साथ सौर ऊर्जा की लागत भी कम है, इस योजना से पर्यावरण को नुकसान पहुचाये बिना सौर ऊर्जा पैदा की जायेगी।
पंपों से सिंचाई के लिए लघु एवं सीमांत किसानों को व्यक्तिगत पंपिंग मशीनरी लगाने के लिए 90 प्रतिशत की सहायता का प्रावधान
इसी के साथ बताया जा रहा है की सौर पंपों से सिंचाई के लिए लघु एवं सीमांत किसानों को व्यक्तिगत पंपिंग मशीनरी लगाने के लिए 90 प्रतिशत की सहायता का प्रावधान किया गया है,
इसी के साथ मध्यम और बड़े वर्ग के किसानों को पंपिंग मशीनरी लगाने के लिए 80 प्रतिशत उपदान दिया जाता है, जिस से उन्हें सिंचाई करने में बहुत ही मदद मिलती है।
10 हॉर्स पावर के सौर पंप उपलब्ध करवाए जाते
इसी के साथ बताया जा रहा है की प्रदेश सरकार सामुदायिक स्तर पर पंपिंग मशीनरी लगाने के लिए शत-प्रतिशत व्यय सरकार वहन करती है, साथ ही एक से
10 हॉर्स पावर के सौर पंप उपलब्ध करवाए जाते हैं इस योजना में 05 वर्षों के लिए 200 करोड़ का बजट प्रावधान किया है।
प्रदेश में 5,850 सौर पंप स्थापित किए जाएंगे
इसके तहत हिमाचल प्रदेश में 5,850 सौर पंप स्थापित किए जाएंगे साथ ही वर्तमान में हिमाचल प्रदेश की 1189.71 हेक्टेयर भूमि को सौर सिंचाई योजना में लाया गया है, जिस से प्रदेश के किसानो को बहुत ही लाभ मिल पायेगा।