छोटे नागपुर के नाम से मशहूर नूरपुर व इंदौरा के बागवानों को बारिश को इंतजार

हिमाचल प्रदेश के नींबू प्रजाति के फलों की पैदावार में प्रदेश भर में अव्वल छोटे नागपुर के नाम से मशहूर नूरपुर व इंदौरा उपमंडल के बागवानों की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही हैं, इसी के साथ प्राप्त जानकारी के अनुसार
बताया जा रहा है की इस बार भी सीजन में मौसम की बेरुखी के चलते संतरे और किन्नू के रंग में निखार नहीं आया है साथ ही बताया जा रहा है की साथ ही न ही अब तक सही साइज बन पाया है।
बगीचों की सौदेबाजी के लिए व्यापारियों और आढ़तियों की संतरे के बगीचों में दस्तक
इसी के साथ बगीचों की सौदेबाजी के लिए व्यापारियों और आढ़तियों की संतरे के बगीचों में दस्तक से बाजार में छोटे नागपुरी किन्नू की छुटपुट आमद शुरू हो गई है, साथ ही लेकिन समय पर बारिश न होने से किन्नू से रस व
मिठास गायब है, जिस बजह से प्रदेश के किसानो को बहुत ही परेशानी हो रही है, साथ ही दिवाली के बाद हुई बारिश से जमीन की नमी बढ़ी है।
संतरे का आकार बेहतर है व फल में मिठास भी सही
मगर फिर से भी इससे संतरे के साइज पर कोई खास असर नहीं दिख रहा हैं पर मिठास थोड़ी बहुत अवश्य बढ़ी है, साथ ही जिन जगहों पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है, वहां संतरे का आकार बेहतर है व फल में मिठास भी सही है।
नूरपुर उपमंडल में ज्यादातर बागवान सिंचाई के लिए सिर्फ बारिश पर ही निर्भर रहते
लेकिन नूरपुर उपमंडल में ज्यादातर बागवान सिंचाई के लिए सिर्फ बारिश पर ही निर्भर रहते है, इसी के बावजूद इसके आने वाले दिनों में एक अच्छी बारिश के बाद
फलों का रंग निखरने से बागवानों को फसल के अच्छे दाम मिल सकते हैं, इसी लिए किसान और बागवान बारिश का इंतजार कर रहे।
3,700 हेक्टेयर भूमि में संतरे व किन्नू की पैदावार
इसी के साथ बताया जा रहा है की उल्लेखनीय है कि छोटे नागपुर के नाम से मशहूर नूरपुर व इंदौरा क्षेत्र के बागवान माल्टा, संतरा, किन्नू व मौसमी की उम्दा
फसल की पैदावार में अग्रणी माने जाते हैं, साथ ही यहां करीब 3,700 हेक्टेयर भूमि में संतरे व किन्नू की पैदावार होती है।