
शहरी निकायों में लगे झटके के बाद भाजपा को अब जिला परिषद के चुनावों की चिंता
हिमाचल प्रदेश में हाल ही चल रहे शहरी निकायों में लगे झटके के बाद भाजपा को अब जिला परिषद के चुनावों की चिंता सताने लगी है, प्राप्त जानकारी की अनुसार बताया जा रहा है की शिमला, मंडी, कांगड़ा, सोलन आदि
जिलों पर पार्टी खास ध्यान देने जा रही है, साथ ही कहा जा रहा है की मंत्रियों, विधायकों, जिला और मंडल भाजपा अध्यक्षों को इसके लिए खास जिम्मेवारी दी जा रही है।
नगर निकायों में रही कमी को अब जिला परिषद चुनाव में पूरा किया जाएगा
साथ ही मिली सुचना के आधार पर जिला परिषदों और पंचायत चुनावों के लिए एक हफ्ते का वक्त बचा गया है, साथ ही कहा जा रहा है की भाजपा सरकार चाहती है कि जो कमी नगर निकायों में रही है, उसे अब जिला परिषद चुनाव में पूरा किया जाएगा।
भाजपा कुछ मंत्रियों के गढ़ों में भी अपनी साख को बनाए नहीं रख पाई
साथ ही बताया जा रहा है की इससे यह विरोधियों को भी जवाब दे पाएगी, साथ ही हिमाचल प्रदेश में भाजपा कुछ मंत्रियों के गढ़ों में भी अपनी साख को बनाए नहीं
रख पाई है, साथ ही पांवटा में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी, शाहपुर में सरवीण चौधरी नगर निकायों को नहीं बचा पाए हैं, इसी के साथ यहां कांग्रेस काबिज हो गई है।
नगर परिषद ज्वालामुखी में भाजपा को विजय नहीं दिलाई जा सकी
साथ ही जानकारी के अनुसार भाजपा के संगठन महामंत्री पवन राणा और भाजपा विधायक रमेश ध्वाला के गृह क्षेत्र की नगर परिषद ज्वालामुखी में भाजपा को विजय नहीं दिलाई जा सकी है, इसी के साथ कई भाजपा
विधायकों के यहां भी यही हाल हैं, साथ ही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप का कहना है कि भाजपा ने कई क्षेत्रों में अपनी स्थिति बेहतर की है।
पंचायती चुनावो में जनता ने बढ़ चल के भाग लिया
इसी के साथ जहां पर पहले यह कमजोर थी, वहां यह मजबूत होकर उभरी है, साथ ही पार्टी ने यहां कई सीटें जीती हैं, जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की कश्यप से जब राजधानी शिमला, जिला मंडी, कांगड़ा जिला ,
सोलन आदि में ज्यादातर नगर निकायों में हार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस बारे में टिप्पणी नहीं की है, प्रदेश में चल रहे पंचायती चुनावो में जनता ने बढ़ चल के भाग लिया है।