हिमाचल में पिछले 04 महीनों से ट्राउट मछली के शिकार करने पर लगा प्रतिबंध हटा

हिमाचल प्रदेश में पिछले 04 महीनों नवंबर से फरवरी तक घाटी में ट्राउट मछली के शिकार करने पर प्रतिबंध लगा हुआ था, प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की अब इस प्रतिबंध को समाप्त कर दिया गया है, साथ ही इन 04 महीनों में मछली का प्रजनन काल का समय होता है, जिसके लिए एचपी मत्स्य अधिनियम 1976 व मत्स्य नियम 1979 के तहत मछली के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है।
नवंबर से फरवरी तक के इन 04 महीनों में मत्स्य अधिनियम के तहत शिकार की इजाजत नहीं दी जाती
प्राप्त जानकारी के अनुसार कहा जा रहा है की प्रदेश में सोमवार से मत्स्य आखेटकों को यहां के नदी-नालों में पुनः ट्राउट का शिकार करने के लिए स्वतंत्र कर दिया गया है तथा मत्स्य निदेशक हिमाचल प्रदेश एसपी मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि नवंबर से फरवरी तक के इन 04 महीनों में मत्स्य अधिनियम के तहत शिकार की इजाजत नहीं दी जाती।
इन 04 महीनों में ट्राउट का प्रजजन काल का समय रहता
इसी के साथ कहा जा रहा है की इन 04 महीनों में ट्राउट का प्रजजन काल का समय रहता है, जिससे इसके शिकार का बंद कर दिया जाता है, साथ ही अब घाटी में लांइसेंस होल्डर चाहे वह स्थानीय हो या फिर देश के अन्य स्थानों से आने वाले आखेटक, अब मछली का शिकार कर सकेंगे, इसी के साथ कहा जा रहा है की उन्होंने कहा कि प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 300 रुपए लाइसेंस फीस ली जाती है।
वार्षिक लाइसेंस लेने के लिए 8000 रुपए फीस के रूप में जमा करनी होती
साथ ही बताया जा रहा है की यदि कोई इच्छुक व्यक्ति वार्षिक लाइसेंस लेना चाहता है, तो उसे 8000 रुपए फीस के रूप में जमा करने होंगे तथा लेकिन प्रतिबंधित महीनों में वह भी मछली का शिकार नहीं कर सकेगा जब मछली के प्रजनन काल के दौरान शिकार पूर्ण रूप से बंद होता है
टूरिज्म विभाग व मत्स्य विभाग के कार्यालयों से प्राप्त कर सकता
जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की इच्छुक व्यक्ति मछली शिकार के लिए लाइसेंस हिमाचल प्रदेश टूरिज्म विभाग व मत्स्य विभाग के कार्यालयों से प्राप्त कर सकता है तथा प्रदेश में टूरिज्म एंगलिंग को बढ़ावा देने के लिए देवभूमि कुल्लू घाटी में लारजी, हामणी, मनाली, बटाहर व कुल्लू कार्यालय में लाइसेंस लेने के लिए इच्छुक लोग आवेदन कर सकते हैं, जंहा से वो लाइसेंस प्राप्त कर सकते है।